Rakshabandhan Special: रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में बड़ा ही पवीत्र पर्व माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बाँधती हैं,और बदले में भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार दो दिन मनाया जाएगा कही जगह 30 अगस्त को तो कहीं 31 अगस्त को।
Rakshabandhan Special 2023: रक्षाबंधन का पर्व भारत में विशेषकर हिंदू धर्म में सबसे पवीत्र त्यौहार माना जाता है, यह पर्व हर वर्ष सावन में पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम व समर्पण का प्रतिक है।
हमारे देश के जवान देश की रक्षा करते हैं। और सभी जवान इस त्यौहार के अवसर पर अपने घर नहीं जा पाते हैं। लेकिन फिर भी वो इस त्यौहार को अपने तरीके से मनाते हैं।
BSF के जवानों ने स्कूल के बच्चों के साथ मनाया रक्षाबंधन का त्यौहार
जम्मू कश्मीर के साम्बा में बॉर्डर सिक्योरिटी फाॅर्स (BSF) के जवानों ने स्कूल के बच्चों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। स्कूल की छात्राओं ने BSF के जवानों को राखी बाँधी व मिठाइयां खिलाई , और जवानों ने भी स्कूली छात्राओं को मिठाई खिलाई।
CRPF के जवानों ने भी मनाया रक्षाबंधन
वहीं जम्मू कश्मीर के उधमपुर में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फाॅर्स(CRPF) के जवानों ने भी स्कूली छात्राओं के संग रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। छात्राओं ने सभी जवानों को राखी बाँधी।
LOC पर भी जवानों ने मनाया रक्षाबंधन
जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा(LOC) पर भी उड़ी के चुरांदा गाँव के स्थानीय लोगों ने BSF के जवानों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। स्थानीय बालिकाओं ने जवानों को राखी बाँधी व मिठाई खिलाई तथा जवानों ने भी बालिकाओं को उपहार दिए।
छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने CRPF के जवानों को राखी बाँधी
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में भी सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फाॅर्स(CRPF) के जवानों को महिलाओं ने राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। यहाँ जिले के पास के गाँव से महिलाओं तथा स्कूल की छात्राओं ने CRPF के जवानों को राखी बाँधी तथा उनकी सुरक्षा की मंगल कामना की।
महिला कैदियों ने बनाई राखियां
उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जेल में महिला कैदियों द्वारा बनाई गई राखियों की सेल के लिए जेल के बाहर, राखी का स्टॉल लगाया गया। महिला कैदियों ने रंग बिरंगी व आकर्षक राखियां बनाई।
दिखा सैनिकों के प्रति सम्मान
पुरे देश भर से कुछ इसी प्रकार दृश्य देखने को मिले। जो हमारे देश के सैनिकों के प्रति देश का सम्मान दिखाता है। जो सैनिक दिन रात देश की रक्षा में लगे रहते हैं, उनके प्रति हमारा जो सामाजिक दायित्व होता है , उसे निभाना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जिससे सैनिकों को मानसिक सम्बल प्राप्त होता है , तथा वे पुरे मनोयोग से देश की सेवा व सुरक्षा में लगे रहते हैं।
रक्षाबंधन का त्यौहार और महत्त्व
रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में सबसे पवीत्र त्यौहार माना जाता है, यह पर्व हर वर्ष श्रावण की पूर्णिमा को मनाया जाता है, रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम व समर्पण का प्रतिक है।
इस दिन बहन अपने भाई के कल्याण व सुख समृद्धि की कामना के साथ उसकी कलाई पर राखी बांधती हैं तथा मिठाई खिलाती हैं। और भाई भी अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देते हुए उसे कुछ उपहार देता है। वास्तविकता में यह त्यौहार भाई बहन के आपसी प्यार व समर्पण का प्रतिक है। जो समाज में आदर्श संबधों की स्थापना करता है।
क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन ?
हिन्दू धर्म में इस सम्बन्ध में कई पौराणिक कथाएँ मिलती हैं , जिनमे से एक भगवान श्री कृष्णा तथा द्रोपदी के बारे में हैं। जब भगवन श्री कृष्णा की ऊँगली काट जाती है तथा उसमे से रक्त स्त्राव होने लगता है , तब द्रोपदी अपनी साड़ी के टुकड़े को फाड़कर भगवान श्री कृष्णा की ऊँगली पर बाँध देती है , जिससे की खून बहना बंद हो जाता है।
भगवान श्री कृष्णा तब इस राखी के रूप में स्वीकार करते हैं, तथा द्रोपदी की रक्षा का वचन देते हैं। तथा जब द्रोपदी का चिर हरण हो रहा था तब श्री कृष्णा द्रोपदी के सम्मना की रक्षा करते हैं।
इस वर्ष दो दिन क्यों है रक्षाबंधन ?
हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन कर पर्व सावन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। लेकिन पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह १० बजाकर 59 मिनट पर है , तथा 30 उसी समय भद्रा काल की भी शुरुआत हो जाएगी तथा शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
कब तक रहेगा भद्रा काल ?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भद्रा काल 30 अगस्त को रात्रि 09 बजकर 05 मिनट तक तक भद्रा काल रहेगा इसके पश्चात राखी बाँधी जा सकती है। क्योंकि पूर्णिमा 31 अगस्त 2023 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इसलिए 31 अगस्त को भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा।
राखी बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन के समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
- भद्राकाल में राखी नहीं बांधना चाहिए।
- राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या हाथ रख लेना चाहिए।
- राखी बांधने के बाद अपनी क्षमता अनुसार भाइयों को अपनी बहन को कुछ न कुछ उपहार अपनी क्षमता के अनुसार देना चाहिए।
- भाइयों के माथे पर तिलक के साथ साथ अक्षत जरूर लगाएं।
NOTE:
खबर मालवा एक छोटा सा प्रयास है , आप तक मालवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण सूचनाऐं पहुँचाने का , इसमें आपका योगदान भी अपेक्षित है। आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे शेयर करके हमारी सहायता कर सकते है।
धन्यवाद
टीम खबर मालवा