400 कमरे के 4000 करोड़ के घर में रहता है ये लड़का, करता है फल-सब्जियों का कारोबार.(MYMandi)

सिंघई रचित जैन

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राजघराने से ताल्लुक रखने वाला ये लड़का करता है फल सब्जियों का कारोबार, इसके पिता केंद्रीय मंत्री हैं, हम बात कर रहें है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया की। 
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महत्वपूर्ण बातें:

  • संबंधित खबर: राजघराने से जुड़े युवक द्वारा चलाए जाने वाले फल-सब्जियों के व्यापार(MyMandi) के बारे में यह खबर।
  • पिता महत्वपूर्ण पद पर: महाआर्यमन सिंधिया के पिता केंद्रीय मंत्री हैं, जिनके पास बड़ी संपत्ति है।
  • नई पहचान बनाने का प्रयास: महाआर्यमन सिंधिया ने खुद की अलग पहचान बनाने का प्रयास किया है।
  • माय मंडी की शुरुआत: 2022 में महाआर्यमन सिंधिया ने एक स्टार्टअप कंपनी “माय मंडी” की शुरुआत की है।

Khabar Malwa:राजघराने से ताल्लुक रखने वाला ये लड़का करता है फल सब्जियों का कारोबार , इसके पिता केंद्रीय मंत्री हैं, हम बात कर रहें है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया की।

इनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में हैं, और इनके पास अरबों की संपत्ति है , लेकिन महाआर्यमन ने अपने दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है , महाआर्यमन ने साल 2022 में अपने दोस्त के साथ मिलकर “माय मंडी(MyMandi)” नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया है , जिसके महाआर्यमन को-फाउंडर है।

माय मंडी एक ऑनलाइन एग्रीगेटर है जो किसानों से थोक में सब्जी लेकर सब्जी व फल विक्रेताओं को पहुँचाती है। ये कंपनी अभी भारत के चार शहरों ग्वालियर,जयपुर, नागपुर और आगरा में कारोबार करती है।

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महाआर्यमन ने बताया है कि इसे धीरे धीरे भारत के और भी शहरों में फैलाया जाएगा।
कंपनी का रेवेन्यू एक साल से भी काम समय में 1 करोड़ रूपये प्रतिमाह पहुँच गया है, और महाआर्यमन का कहना है कि जल्द ही कंपनी का विस्तार 8 शहरों में होने के साथ ही कंपनी का रेवेन्यू 5 करोड़ रूपये प्रतिमाह पहुंच जाएगा।

MyMandi की शुरुआत

अपने दादा स्वर्गीय माधवराव सिंधिया से सामाजिक प्रभाव पैदा करने की शिक्षा और वैश्विक कंपनियों बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और सॉफ्टबैंक ग्रुप में काम करते हुए, अर्जित ज्ञान व अनुभव से 27 वर्षीय सिंधिया और उनकी फर्म के सह-संस्थापक 25 वर्षीय सूर्यांश राणा ने शून्य से काम शुरू किया।

2022 में स्थापित, मायमंडी(MyMandi) ने ग्वालियर से काम शुरू किया, जहां सिंधिया खुद अपनी पहचान छुपाने के लिए चेहरा ढंककर स्थानीय मंडियों में जाते हैं, ताजा उपज खरीदते, और फर्म के वितरण भागीदारों, स्ट्रीट विक्रेताओं को इन्वेंट्री बेचते हैं।

निष्कर्ष: युवा शक्ति का साहस

महाआर्यमन सिंधिया की कहानी हमें यह सिखाती है कि युवा शक्ति में अद्वितीय साहस है। उन्होंने अपनी परिश्रम, समर्पण, और सही दिशानिर्देशन के साथ एक सफल व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाया है। उनका अद्वितीय प्रतिनिधित्व उनके काम में प्रकट हो रहा है और वे नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं।

अंत में

महाआर्यमन सिंधिया की कहानी हमें यह दिखाती है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है, चाहे वो बड़ी संपत्ति के मालिक हो या फिर एक नया उद्यमी या व्यवसायी। उनकी कहानी हमें यह सिख देती है कि यदि आपके पास सही दृष्टिकोण और संकल्प हो, तो आप किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

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